Saturday, October 10, 2009

पवन करण की कविता कविता का वर्जित प्रदेश


पवन करण की कविता कविता का वर्जित प्रदेश शीर्षक से स्त्री मेरे भीतर कविता संग्रह पर श्रीविद्या एन टी द्वारा लिखित आलोचना पुस्तक प्रकाशित हो गई है इसे जवाहर पुस्तकालय सदर बाज़ार मथुरा ने प्रकाशित किया है किताब हेतु उनसे दूरभाष क्रमांक ०५६५२४७०३१० तथा ०९८९७०००९५१ पर संपर्क किया जा सकता है

3 comments:

संजय भास्‍कर said...

बहुत सुन्दर रचना । आभार

ढेर सारी शुभकामनायें.

SANJAY
http://sanjaybhaskar.blogspot.com

प्रदीप जिलवाने said...

भाई पवन करण जी
बहुत बहुत बधाई स्‍वीकारें. पुस्‍तक को विश्‍व पुस्‍तक मेले के लिए जरूरी पुस्‍तकों की सूची में लिख लिया है.
'नया ज्ञानोदन' के प्रेम विशेषांक में आपकी लंबी प्रेम कविता बहुत अच्‍छी लगी. विशेष बधाई एवं दीप पर्व की अनेक शुभकामनाओं सहित..

- प्रदीप जिलवाने, खरगोन म.प्र.

شہروز said...

mubaarak ho pawan bhai..hamzabaan par aapke blog ka link de raha hun..