८ मार्च २००९ को मुंबई मैं शब्द प्रकाशन मुंबई द्वारा प्रकाशित तथा बलबंत जेउरकर द्वारा अनुदित स्त्री मेरे भीतर का मराठी अनुवाद स्त्री माज्या आत प्रकाशित हुआ इसका विमोचन महान दलित कवि नामदेव ढसाल नें किया इस अबसर पर कवि पवन करण मलिका अमरसेख मेघना पैठे एवं बलबंत जेउरकर मौजूद थे
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